सुरेंद्र दुबे भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन का चाबुक बड़ा सोच समझकर चलाया जाता है। जिसकी पीठ जितनी ज्यादा मजबूत होती है, उसपर उतना ही कम चाबुक चलने की संभावना रहती है, क्योंकि ऐसे लोगों की पीठ पर बड़े-बड़े नेताओं की तकिया बंधी होती है। जो नेता सिर्फ अपनी पीठ …
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