देश में दलगत राजनीति ने एक नये विभाजन का स्वरूप गढना शुरू कर दिया है। नागरिकों की मानसिकता पर अब व्यक्तिवाद हावी होकर स्वार्थपरिता के हिंडोले पर झूलने लगा है। परिवादवाद पर आधारित पार्टियों के मध्य जनसेवकों की समाजसेवा का स्वरूप चाटुकारिता के रूप में परिवर्तित हो गया है। व्यक्तिगत …
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निर्विवाद भविष्य की स्थापना हेतु स्वर्णिम अतीत पर लगे ऐतिहासिक धब्बे मिटना जरुरी
डा. रवीन्द्र अरजरिया आस्था के साथ जुडी मानसिकता को परिवर्तित करना आसान नहीं होता। यही जुडाव जटिलता की ऊंचाइयों पर पहुंचकर परेशानियां पैदा करने का कारण बनता है। जुडाव को विस्त्रित अर्थों में लेना पडेगा। तर्कविहीन, विवेकविहीन और आधारविहीन मान्यतायें जब रूढियां बनकर अठखेलियां करने लगतीं है तब आदर्श, अन्धविश्वास …
Read More »मीडिया के हथियार से देश को घायल करने का षडयंत्र
डा. रवीन्द्र अरजरिया वर्तमान समय में वातावरण के सृजन का काम पूरी तरह से मीडिया ने ले लिया है। टेलीविजन चैनल्स, समाचार पत्र और सोशल मीडिया के अंतर्गत आने वाली अनगिनत और अनियंत्रित साइड्स के माध्यम से लोगों की मानसिकता को प्रभावित करने का काम बखूबी किया जा रहा है। …
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