डा. मनीष पांडेय वैश्वीकरण की प्रक्रिया के विस्तार में मूल आर्थिक पक्ष के सापेक्ष ही स्थानीयता और राजनीतिक समीकरण का भी महत्व है। कोरोना संकट के उत्तर काल में वैश्वीकरण से सम्बंधित परिदृश्य व्यापक रूप से बदलेगा। वैश्वीकरण ने विश्व स्तर पर सामाजिक-आर्थिक बदलाव करते हुए व्यक्ति के जीवन स्तर …
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कोरोना काल की कहानी: जनता कर्फ़्यू-3
डॉ. मनीष पाण्डेय ……चाय के साथ पारले बिस्किट (गोल्ड वाला क्योंकि नॉर्मल का स्वाद अब चावल की भूंसी जैसा हो गया है) भिगाकर खाते हुए आशीष के मोबाइल पर रिंग आती है, जिसे वह सेकंड के दसवें भाग में ही रिसीव कर लेते हैं, क्योंकि उंगलियां तो हमेशा स्क्रीन पर …
Read More »आखिर क्यों है हमारे अंदर आत्मघाती लापरवाही की प्रवृत्ति
डा. मनीष पाण्डेय भारत ने अतीत में अनेकों आपदाओं को झेला है जिसके कारण बड़ी संख्या में मानव संसाधन की क्षति हुई| यद्यपि मानव, प्रकृति की गतिविधि के समक्ष विवश है, लेकिन आपदाओं के प्रभाव को कम करना और मानव-निर्मित आपदाओं को रोकना उसके स्वयं के अधीन है| सामान्यतया भारतीय …
Read More »चुनावी समाजशास्त्र समझने में नाकाम रहा गठबंधन का गणित
डॉ. मनीष पाण्डेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत अप्रत्याशित बिल्कुल भी नहीं है। 2004 और पुनः 2009 में यूपीए की बढ़ी हुई सीटों के साथ सरकार बनाने लायक जीत जैसा परिदृश्य ही 2014 और पुनः बढ़ी हुई सीटों के साथ 2019 में एनडीए के पक्ष में …
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