डॉ. शिशिर चंद्रा इस श्लोक से तात्पर्य है कि भाद्र कृष्ण चतुर्दशी (बारिश के मौसम के एकदम शिखर का समय, मध्य अगस्त के आस पास) को जितनी दूर तक गंगा का फैलाव रहता है, उतनी दूर तक गंगा के दोनों तटों का भू-भाग ‘नदी गर्भ’ कहलाता है। ‘नदी गर्भ’ के …
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