केपी सिंह भारतीय समाज विचित्रताओं से भरा है। इस समाज में जातिगत और धार्मिक द्वंदात्मकता प्रखरता के साथ मौजूद है जो हिंसक सघर्षों में भी बदल जाता है। दूसरी ओर यह समाज उदात्त शिखर छूने के लिए वृहत्तर एकजुटता के रुझान को भी प्रदर्शित करता है। पहले और बाद के …
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