शबाहत हुसैन विजेता राजा नहीं फकीर है, भारत की तकदीर है. ये नारा अचानक से लोगों की ज़बान पर चढ़ गया था. बुलेट मोटर साइकिल पर सवार इलाहाबाद की सड़कों पर घूमते राजा मांडा सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र का भ्रमण नहीं कर रहे थे बल्कि हिन्दुस्तान की सियासत को बदलने …
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डंके की चोट पर : आज अगर खामोश रहे तो कल सन्नाटा छाएगा
शबाहत हुसैन विजेता वो मेरे बचपन का दौर था. सड़क पर नारे लग रहे थे नसबंदी के तीन दलाल इन्दिरा-संजय-बंसीलाल. तब न नसबंदी का मतलब मालूम था, न दलाल की परिभाषा पता थी, न बंसीलाल और संजय के बारे में ही कुछ मालूम था. हाँ यह पता था कि इन्दिरा …
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