सुरेंद्र दुबे लगता है देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ का सिलसिला अब शुरु हो गया है। वैसे इतिहास, इतिहासकार लिखते रहे हैं पर न्यू इंडिया में यह काम राजनीतिक दल करने को उतावले मालूम देते हैं। ऐसा भी समय आ सकता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग …
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