शबाहत हुसैन विजेता पत्रकारिता में मेरी शुरुआत क्राइम रिपोर्टिंग से हुई. रोजाना शाम को एसएसपी के दफ्तर में ब्रीफिंग होती थी. वहां एक प्रेस नोट मिल जाता था. उसमें दिन भर की घटनाएं होती थीं. यानि रूटीन का इंतजाम हो जाता था. एक्सक्लूसिव के लिए इधर-उधर भटकना होता था. वह …
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