आकृति विज्ञा “दर्पण” ने छोटी सी उम्र में ही भोजपुरी साहित्य में अपनी पहचान बना ली है । उन्होंने हिंदी, भोजपुरी ,अंग्रेजी के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर काव्यपाठ व मंचसंचालन किया है और विभिन्न समूहों से जुड़कर साहित्यिक नवाचारों पर सतत् अध्ययन व क्षेत्रीय कार्य में लगी हैं ।पूर्वाञ्चल …
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