प्रमुख संवाददाता लखनऊ. फिराक हिन्दुस्तानी संस्कृति की रूह के विशिष्ट शायर थे. कई भाषाओं के विद्वान भाषण कला में अद्वितीय और गद्य व पद्य दोनों में माहिर थे. उर्दू शायरी के इतिहास में उनका और उनके समय का खास अध्याय है. यह बात अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में दिल्ली विश्वविद्यालय के …
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