दिनेश श्रीनेत दुनिया की हर प्रेम कहानी साहचर्य की कामना या वादे के साथ खत्म होती है। मगर जब वही प्रेम कहानियां अपने वादे की स्वर्णिम रेखा से आगे का सफर तय करती है तो उसमें जाने कौन सा अवसाद और कड़वाहटें समा जाती हैं। याद करें वो फिल्में- ‘गॉन …
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