नयनों मे पीर पले, जीवन की शाम ढले। अंखियां ये कहती है, मधुरितु उतराई है, प्रियतम से मिलने की, ललक अंगड़ाई है। रेत पर कौन चले…… गीतों के छंदो मे, रात ये उदासी है, कहती है बाहों मे, नींद आज प्यासी है। हृदय को कौन छले….. आज केलि शैय्या पर, …
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किसी प्रीतम के दर्द में,ये साहिर की लिखावट है….!!
किसी प्रीतम के दर्द में,ये साहिर की लिखावट है….!! ये सितारों की रौशनी से,आसमाँ में जो सजावट है| मेरे हसरतों की मौत है, रुसवाइयों की आहट है|| उल्फ़त के अदब में हर्फ़,कभी मिट ही नहीँ सकते| किसी प्रीतम के दर्द में,ये साहिर की लिखावट है|| इश्क़ हो,दिल जख़्मी न हो,मुमकिन …
Read More »संध्या की बिखरी अलकों मे,निशा का फैला श्याम दुकूल…
संध्या की बिखरी अलकों मे, निशा का फैला श्याम दुकूल, मूक है मद्धिम है पदचाप, तुमको प्रेम सौंपना भूल। अधर की पगली थी मदप्यास, तभी तो रहा तुम्हे था पूज। हाय रे भावुक था उन्माद, प्रलय का स्वागत करता ऊज। तुम्हारे रोदन की मुस्कान, उड़ाता आया उर मे धूल। हाथ …
Read More »मैं कभी कभी भगवान होना चाहता हूं, और सृजन कर देना चाहता…
मैं कभी कभी भगवान होना चाहता हूं, और सृजन कर देना चाहता हूं नई दुनिया का। हां, नई सृष्टि जिसमें सिर्फ अंधेरा हो क्योकि अंधेरा सुकून भरा होता है और उजाला हमें थका देता है। अंधेरे के सुकून में मां की छांव होती है और बीड़ी के धुंए के छल्ले …
Read More »जीवन बदल देते हैं कुछ घटनाएं…
रमेश अभिषेक और योगेश पांच साल बाद उसी पार्क में मिलने वाले थे, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी थी। रमेश सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बन चुका था, जबकि अभिषेक एक बड़ा व्यवसायी और योगेश सीनियर आईटी इंजीनियर था। तीनों की शादी हो चुकी थी। सभी सपरिवार पार्क में इकट्ठा हुए। रमेश …
Read More »शाखाएं मौसम हवायें सब उसी के खिलाफ…
शाखाएं मौसम हवायें सब उसी के खिलाफ हैं बस इसीलिए वो पत्ते आवारा हुए जा रहे हैं कलम दवात दिख रहे हैं आज कल मयखाने में ज़रूर कुछ लोग आज शायर बने जा रहे हैं । जंग ज़रूरतें और ज़िम्मेदारियों के बीच छिड़ी हुई है , और बेचारे ख्वाब हार …
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