डॉ. सीमा जावेद बात प्रकृति की हो तो ऐसा लगता है कि साल 2021 एक निर्णायक वर्ष साबित होगा। निर्णायक इसलिए क्योंकि इस साल दुनिया भर की सरकारें और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय संस्थाएं प्रकृति को हो रहे नुकसान को रोकने और बुरे असर को पलटने के लिए एकजुट हो …
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अस्तित्वविहीन होते जंगल और पर्यावरण
प्रीति सिंह प्रकृति में हर चीज का अपना महत्व है। प्रकृति में उपलब्ध हवा, मिट्टी और पानी सीमित रूप से ही जीवन को पाल सकती है। प्रकृति सबको स्वतंत्र रूप से निशुल्क सब कुछ देती है और हमेशा अपेक्षा करती है कि हम इसकी अहमियत को समझेंगे। पर वर्तमान परिवेश …
Read More »चुनौतियों से आता है जीवन में निखार
डा.रवीन्द्र अरजरिया चुनौतियों का सामना करना मानवीय काया की प्रकृति है। जीवन के पहले दिन से ही नवजात को अनजानी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु चुनौती से गुजरना पडता है। अज्ञानी शरीर का मस्तिष्क प्रत्येक नई वस्तु, घटना और कृत्य को आश्चर्यचकित होकर देखता है। उसे समझने की चुनौती से गुजरना …
Read More »आकृति विज्ञा ‘अर्पण’ की कविताएँ
आकृति विज्ञा ‘अर्पण’ (युवा कवियत्री) जिक्र तेरा करते करते अंधियारे का छँट जाना आँखों की दोनों बत्ती का लैंप सरीखा उग जाना मितवा तेरे साथ लिखूं आधार उम्मीदों की नगरी तूने ही तो सिरजी मुझमें प्यार उम्मीदों की नगरी चेतन की बत्ती मन में लैंप भरोसे का जगमग अवचेतन भी …
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