‘सोने की चिड़िया’ कहा जाने वाला ‘विश्व गुरु’ एक लम्बे समय तक जलालत, जुल्म और जालिमों के चाबुकों से लहूलुहान होता रहा। मानवता के शीर्ष पर स्थापित ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर भौतिक विलासता, शारीरिक सुख और राजभोग की कामना ने अपनी क्रूरता से हमेशा ही घातक प्रहार किये हैं। देश के …
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