डॉ. उत्कर्ष सिन्हा जब जब कोई जाति आधारित समाज अपनी हिस्सेदारी को ले कर चैतन्य हुआ है, तब तब सत्ता के समीकरणों का बदलाव साफ दिखाई देता है। जैसे जैसे यूपी के विधानसभा के चुनाव करीब आ रहे हैं, जातीय गोलबंदी भी बढ़ती जा रही है। फिलहाल हवा में ब्राहमण …
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