डा. रवीन्द्र अरजरिया विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में अव्यवस्थाओं, मनमानियों और अधिकारों की दुहाई पर सत्ता-सुख की चाहत निरंतर चरम सीमा की ओर बढती जा रही है। सत्ता-सुख की चाहत यानी कि समग्र पर अधिकार दिखाने की इच्छापूर्ति के प्रयास। इन प्रयासों में देश के घोषित तीन स्तम्भों सहित …
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