कब तक गाती रहूंगी बेरोजगारी के गीत,यह सवाल मुझे मथता है… योगी सहज इंसान लेकिन योगी सरकार बेहतर नहीं.. मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए। जनसमस्याओं को लेकर सत्तर वर्ष पूर्व लोक कवि दुष्यंत कुमार की लिखी गई गजल …
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अवध विश्वविद्यालय : कुलाधिपति के आदेशों को जांच समिति बनाकर लटकाने का चल रहा खेल..
ओम प्रकाश सिंह अयोध्या। गोपनीयता और जांच समिति गठित करने के नाम पर अवध विश्वविद्यालय प्रशासन अपने कुकर्मों को ढकने की कवायद कर रहा है। पिछले कुछ माह पूर्व कुलपति रविशंकर सिंह पटेल के समय में हुई अवैध शिक्षक नियुक्तियों को लेकर कार्यपरिषद की बैठक में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश …
Read More »फैज़ और दुष्यंत के वारिस थे राहत
अगर ख़िलाफ है होने दो.. सरकारी अवार्ड के पैमाने में जीरो थे, इसलिए ही राहत हीरो थे नवेद शिकोह आमतौर पर किसी हुनरमंद, फनकार या कलमकार के हुनर के वज़्न का पैमाना उसे मिलने वाले सरकारी अवार्ड्स होते हैं। इस पैमाने के हिसाब से तो शायर राहत इंदौरी ज़ीरो थे। …
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