शबाहत हुसैन विजेता एक मासूम बच्ची, एक फूल जैसी बच्ची, जिसने स्कूल के बस्ते का बोझ भी नहीं जाना, जिसने मज़हब नाम के इंसानी फर्क की तमीज़ नहीं सीखी, जिसने रिश्तों के मायने भी नहीं जाने उसे बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया। उसे मार देने की वजह कागज़ के …
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