देश में राष्ट्रभक्त नागरिकों की निरंतर कमी होती जा रही हैं। व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के आगे सामाजिक हित बौने हो चुके हैं। सुरक्षात्मक मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय विकास जैसे कारक हाशिये पर पहुंच चुके है। संविधान की धाराओं का मनमाना विश्लेषण नित नये विरोधाभाषों खडे कर रहा है। अफगानस्तान …
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