नवेद शिकोह मातृभूमि भारत माता की तरह पत्रकारिता का पेशा भी मां की तरह है। दुर्भाग्य कि इस मां का हर रोज़ बलात्कार होता है। पत्रकारिता के पेशेवर ही ऐसे बलात्कार को अंजाम देते हैं। करीब हर रोज़ पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबरें आती हैं। कभी-छुटपुट मामले होते हैं तो …
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