डा. रवीन्द्र अरजरिया दुनिया में तेजी से फैल रहे आतंकवाद के जहर ने सृष्टि के समूचे स्वरूप को नष्ट करना शुरू कर दिया है। प्रकृति के साथ बेरहमी से हो रहे अत्याचार ने पर्यावरणीय असंतुलन को चरम की ओर अग्रसर किया है तो धरातली सम्पदा को हडपने की होड लगी …
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