शबाहत हुसैन विजेता देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था. ब्रिटिशर्स सोने की चिड़िया के पंख उखाड़ने में लगे थे. हर तरफ कराहों और सिसकियों की गूँज सुनाई दे रही थी. उस दौर में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं थी जो मुल्क पर कब्ज़ा जमाये लोगों की हां …
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