प्रीति सिंह एक बात तो सच है कि पत्रकार नामी न हो तो उसकी सुनवाई नहीं होती। सुनवाई सिर्फ दिल्ली और मुंबई के बड़े पत्रकारों की ही होती है। उनके पक्ष में वो राज्य सरकारें भी बोलती है जो खुद अपने राज्यों में पत्रकारों का उत्पीड़न कर रही हैं। कई …
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