उत्कर्ष सिन्हा सियासत में कब किसीकी क्या भूमिका बन जाए ये कहा नहीं जा सकता. जिंदगी रहते तो लोग सियासात करते ही हैं मगर कई बार मरने के बाद भी सियासत आपका इस्तेमाल करने से नहीं चूकती. अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में जब देश के मिसाईल मैंन डा. एपीजे …
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डंके की चोट पर : पुलकित मिश्रा न संत है न प्रधानमन्त्री का गुरू यह फ्राड है सिर्फ फ्राड
शबाहत हुसैन विजेता जो कभी आतंकवाद के खिलाफ माहौल तैयार करने के लिए कथक के ज़रिये लोगों को इसके नुक्सान बताया करता था वह अचानक से उसी आतंकवाद का पैरोकार बन गया है. उसने भगवा धारण कर लिया है और सभी भगवा पहनने वालों से बन्दूक उठाने का आह्वान करने …
Read More »डंके की चोट पर : आज़ादी पद्मश्री नहीं है जो भीख में मिल जाए
शबाहत हुसैन विजेता जिस आज़ादी के लिए सरदार भगत सिंह ने बचपन में बंदूकें बोई थीं. जिस आज़ादी के लिए सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाई थी. जिस आज़ादी के लिए अशफाक उल्ला खां ने लिखा था, “जाऊंगा खाली हाथ मगर यह दर्द साथ ही जाएगा, जाने किस …
Read More »मौन की प्रेस कांफ्रेंस…!
शबाहत हुसैन विजेता कुछ बुद्धिजीवियों में शादी को लेकर चर्चा चल रही थी। कुछ शादी को बंधन मान रहे थे। बंधन को तरक्की की दौड़ में बाधा मान रहे थे। शादी को तरक्की की राह में बाधा मानने वालों के पास मज़बूत तर्क भी थे। उनका कहना था कि आज़ाद …
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