के पी सिंह राजनैतिक दलों में प्रगतिशील ललक से विराग बढ़ रहा है। वे परिस्थितियों के आगे समर्पण कर चुके हैं और यथास्थितिवाद की खाल में चुनौतियों से जूझ पाने की क्षमता न रह जाने के कारण छुप जाने को मजबूर हो रहे हैं। पहले गठबंधन सरकारों के माहौल की …
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