डा. रवीन्द्र अरजरिया देश में सम्प्रदायवाद का जहर तेजी से घुलता जा रहा है। मजहबी दूरियां निरंतर बढतीं जा रहीं हैं। स्वाधीनता के बाद से पर्दे के पीछे चलने वाला षडयंत्र अब खुलकर ठहाके लगाने लगा है। राजनीति से लेकर फिल्मों तक ने जानबूझकर हौले-हौले देश को मानसिक गुलामी के …
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