फिल्म ‘स्वदेस” में उनका लिखा एक डायलाग है ‘अपने ही पानी में पिघल जाना बर्फ का मुकद्दर होता है।” और ‘जिन्दगी इतनी खूबसूरत हो कि जिस दिन मौत आये उस दिन हमारे साथ वह भी खूबसूरत हो जाए”…. दिल को छू लेने वाली जिन्दगी की फिलासफी को बयान करने वाली …
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क्रान्तिकारियों सरीखी अहम रही स्वतंत्रता आंदोलन में नाट्य लेखकों की भूमिका
जुबिली न्यूज़ ब्यूरो लखनऊ। स्वाधीनता संग्राम में क्रान्तिकारियों, राजनेताओं की तरह लेखकों- नाटककारों की भूमिका भी राष्ट्रीय चेतना जगाने और देश को आजाद कराने में उल्लेखनीय रही है। विभिन्न मुद्दों पर चेतना जाग्रत करने का ऐसा ही कार्य रचनाधर्मी लेखन में आज भी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक …
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