मल्लिका दूबे बड़ा पेचीदा सा है मिजाज हमारा, यूं ही मसरूर न होगा। जिसने जाना वो माशूक ठहरा, और जो ना जाने वो मुतनफर। सियासत में कामयाबी के तमाम नुस्खे होते हैं । कहीं धाति-धर्म की गणित लगानी पड़ती है तो कहीं सुनहरे ख्वाबों की खेती करनी पड़ती है। सियासी …
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