डा. रवीन्द्र अरजरिया विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में लोकप्रियता की परिभाषायें बदलने लगीं हैं। जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, वंशवाद, वर्गवाद जैसी मानसिकता ने अस्तत्वहीनता की ओर कदम बढाना शुरू कर दिया है। संकुचित दायरे में कैद रहने वाली विचारधारा ने अब अपनी आजादी का रास्ता खोज लिया है। राष्ट्रवादी सोच …
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