नवेद शिकोह पत्रकारिता के सुनहरे दौर के गवाह अनूप श्रीवास्तव भी चले गए अट्टहास अंत में आंखों में आंसू ला देता है। ज़िन्दगी भी अट्टहास है और हंसती-खेलती ज़िन्दगी का अंत भी आंसू यानी मौत है। अनूप श्रीवास्तव जी के संपादन में अट्टहास पत्रिका का ये आखिरी अंक था। …
Read More »