सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। भारत की नंबर वन महिला शटलर पीवी सिंधु समते देश के चोटी शटलर सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप वल्र्ड टूर सुपर-300 में में अपना जलवा दिखाते नजर आयेंगे। यह पहला मौका होगा जब शादी के बाद सायना नेहवाल भी इस चैम्पियनशिप में अपनी दावेदारी पेश करती नजर आयेगी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले महीने यानी 26 नवम्बर से एक दिसम्बर को टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में हल्की सर्दी के बीच झन्नाटेदार स्मैश से गूंजता हुआ नजर आयेगा लखनऊ का बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी।
इतना ही नहीं इस प्रतियोगिता में जहां एक ओर दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी खिताब के जोर अजमाइश करते नजर आयेंगे तो दूसरी ओर बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी के कुछ उभरते हुए खिलाड़ी भी अपना दम-खम दिखाने को तैयार है।
शादी के बाद लखनऊ में लय हासिल करेंगी सायना
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली सायना नेहवाल एक बार फिर सबकी नजर होगी। अगर सायना चोट से उभर गई तो निश्चित तौर पर एक बार फिर लखनऊ में टूर्नामेंट खेलकर लय हासिल करने करना चाहेंगी।
सबसे रोचक बात यह है कि पिछले साल सायना नेहवाल यहां पर खेलने आयी थी तब उनकी शादी पी कश्यप से तय हुई थी। मैच के दौरान कई बार-बार पी कश्यप ने कोर्ट पहुंचकर उनका ऐसा हौंसला बढ़ाया था।
आलम तो यह था कि अपने होने वाले पति की मौजूदगी से सायना ने मैच की पूरी बाजी ही पलट कर रख दी थी। अब दोनों की शादी हो चुकी है। ऐसे में कोर्ट पर सायना को अपने पति का खास सपोर्ट मिलेगा।
पीवी सिंधु पर होगी खास नजर
दूसरी ओर चीनी खिलाड़ी नई चुनौती बन चुकी पीवी सिंधु भी इस टूर्नामेंट का खास आकर्षण का केंद्र हो सकती है। हाल में ही विश्व चैम्पियनशिप में सोना जीतकर देश का झंडा बुलंद करने वाली यह खिलाड़ी इस समय प्रचंड फॉर्म में नजर आ रही है। पीवी सिंधु ने साल 2012 मोदी बैडमिंटन में उपविजेता रही थी।
उन्हें लिंडावेनी ने खिताबी जंग में पराजित किया था जबकि 2014 में सायना नेहवाल के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी लेकिन उस दौर में पीवी सिंधु उभरती हुई खिलाड़ी थी और अब दुनिया जीतने का हौंसल दिखा रही है।
ऐसे में खिताब की तगड़ी दावेदार कही जा रही है। इतना ही नहीं नवाबों की नगरी से पीवी सिंधु का गहरा नाता रहा है। वह यहां कई प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। विदेशी खिलाडिय़ों में खासकर लीन डैन इस प्रतियोगिता में खेलते नजर आयेंगे।
ओलम्पिक क्वालीफायर के चलते टूर्नामेंट का बढ़ा महत्व
अगले साल 2020 टोकयो ओलम्पिक होने की वजह से इस टूर्नामेंट का महत्व ज्यादा बढ़ गया है। दरअसल इस टूर्नामेंट के सहारे कई खिलाड़ी ओलम्पिक का कोटा हासिल करना चाहते हैं। ऐसे में कई नामी-गिरामी चेहरे इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनने का ललाहित नजर आ रहे हैं। ओलम्पिक का कोटा हासिल करने का सुनहरा मौका दे सकता है यह टूर्नामेंट।
बीडीडी बैडमिंटन अकादमी इन सितारों पर होगा दारोमदार
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उत्तर प्रदेश बैडमिंटन अकादमी के कई खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में अपनी धमक दिखाते नजर आयेगे। उनमें शिवम शर्मा, मयूरी यादव, श्रुति समृद्धि जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल है।
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म्यामांर ओपेन इण्टरनेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत कांस्य पदक जीतकर यूपी बैडमिंटन अकादमी का नाम रौशन करने वाले शिवम शर्मा एक बार फिर इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को बेताब नजर आ रहे हैं।
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शिवम पिछले 15 साल से लगातार राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर दिखाने वाले शिवम की विश्व रैंकिंग 92 है। वहीं डबल्स के माहिर खिलाड़ी और यूपी बैडमिंटन अकादमी के स्टार खिलाड़ी मनु अत्री की इस टूर्नामेंट पर खास नजरे टिकी है।
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अंतर्राष्ट्रीय सितारे में लीन डैन समेत चेन लांग पर होगी खास नजर
ओलम्पिक में कोटा हासिल करने के लिए लीन डैन से लेकर चेन लांग जैसे बड़े खिलाड़ी इस टूर्नामेंट अपना दम-खम दिखायेंगे। स्पेन की कैरोलिना मारिन टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से टूर्नामेंट में चार-चांद लगना तय है।
जबकि चीन के शी यूकी, डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन जापान की नंबर एक खिलाड़ी अकाने यामागुची जैसे बड़े खिलाड़ी भी अपनी दावेदारी पेश करेगे। भारतीय खिलाडिय़ों में किदाम्बी श्रीकांत, बी साई प्रणीत, समीर वर्मा व पी कश्यप भी भाग ले रहे हैं।
मोदी बैडमिंटन को लेकर हमारी तैयारी पहले से बेहतर है। चूंकि इस बार टूर्नामेंट काफी अहम होने जा रहा है क्योंकि ओलम्पिक कोटा हासिल करने के लिए कई बड़े खिलाड़ी इस टूर्नामेंट का रूख कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें अच्छी सुविधा देने के लिए हम तैयार है
चीफ फिजियो थेरेपिस्ट उत्तर प्रदेश बैडमिंटन अकादमी
सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय ग्रां प्री पर एक नजर
- साल 1991 में इस टूर्नामेंट की शुरुआत की गई थी
- इसके बाद साल 2003 तक राष्ट्रीय स्तर की टूर्नामेंट के तौर पर देखा जाता था
- धीरे-धीरे इस टूर्नामेंट का कद बढऩे लगा
- साल 2004 में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर टूर्नामेंट का दर्जा दिया गया
- वर्ष 2011 में इसे बीडब्ल्यूएफ ग्रांप्री गोल्ड टूर्नामेंट का दर्जा मिला
इसके बाद से ही सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय ग्रांप्री को भारत में खेले जाने वाले विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के प्रमुख टूर्नामेंट में शामिल किया जाने लगा। 1,50,000 डॉलर इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट में 20 देशों के 250 से ज्यादा शटलर हिस्सा लेंगे।