Thursday - 7 November 2024 - 1:39 AM

सैयद मोदी : सौरभ ने हार कर भी जीत लिया दिल

स्पेशल डेस्क 

कहते हैं कि खेल में हार और जीत लगी रहती है लेकिन दोनों चीजे खेल का अहम हिस्सा होती है। भारतीय उम्मीदों का बोझ उठाने वाले सौरभ वर्मा भले ही मुकाबला हार गए हो लेकिन उन्होंने इस दौरान दर्शकों का खूब दिल जीता है। सैयद मोदी बैडमिंटन चैम्पिनयशिप में उन्होंने अपने खेल से सभी का दिल जीत लिया है। सौरभ वर्मा ने कोर्ट में तो कमाल का प्रदर्शन किया है लेकिन उनकी हार से फैंस काफी निराश नजर आ रहे थे। मैच शुरू होने से पूर्व ही उत्तर प्रदेश बैडमिंटन अकादमी बैडमिंटन प्रेमियों से खचाखच भर चुकी थी और खास तौर इस मुकाबले को देखने के लिए सूबे के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी यहां पर पहुंचे थे। सौरभ पूरी तरह से लय में थे। हर शॉट पर तालियां बज रही थी।

इस साल हैदराबाद और वियतनाम में दो बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब जीतने वाले 26 साल के भारतीय खिलाड़ी को यहां अपने पहले सैयद मोदी टूर्नामेंट में 48 मिनट तक चले फाइनल में दुनिया के 22वें नंबर के जु वेई से 15-21 17-21 से हार मिली

चीनी ताइपे के वांग त्जू वेई तगड़ी फिटनेस के बल पर सौरभ पर दबाव बनाने में जुट गए थे। दोनों ही खिलाडिय़ों का मुकाबला करीब चार बजे के बाद शुरू हुआ। इस वजह से अकादमी में दर्शकों में इस मुकाबले को देखने के लिए होड़ देखी जा सकती थी।

इन दोनों ने लंबी रैलियां खेलीं जिसमें शुरू में सौरभ 1-3 से पीछे चल रहे थे लेकिन इस भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही इसे 4-3 कर दिया। इस दौरान लगातार सौरभ वर्मा के पक्ष में जहां एक ओर नारे लग रहे तो दूसरी ओर उनका भाई समीर वर्मा बार-बार अपने भाई सौरभ का हौंसला बढ़ाते नजर आया। इतना ही नहीं मैच के दौरान कई बार उन्होंने अपने भाई को समझाया।

इसके साथ ही ब्रेक के बीच समीर वर्मा ने अपने से ज्यादा अनुभवी सौरभ को कुछ टिप्स भी दी। उधर लोगों की जु़बा पर था जीतेगा-जीतेगा भाई सौरभ। लोग सौरभ की जीत की कामना करते नजर आये।

लोग खासकर सौरभ वर्मा का उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस मुकाबले को बैडमिंटन फैंस उनके मैच को अपने कैमरे में कैद करते नजर आये। सौरभ शुक्रवार को कोरिया के हियो क्वांग ही पर सेमीफाइनल में जीत के दौरान 75 मिनट तक कोर्ट पर थे, लेकिन वह फाइनल में जु वेई के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ शानदार जु वेई के बैकहैंड व ताकतवर स्मैश से का जवाब देना सौरभ के लिए मुश्किल हो रहा था। इस वजह से ज्यादा देर तक उनका संघर्ष काम नहीं आया।

Radio_Prabhat
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