जुबिली न्यूज डेस्क
संयुक्त राष्ट्र की बैठक के बाद जब पाकिस्तान और चीन ने कश्मीर के मुद्दे को बंद कमरे तक पहुँच दिया तो उस वक्त भारत की ओर से मोर्चा सम्हाला हुआ था सैयद अकबरुदीन ने ।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजनयिक अकबरुद्दीन ने न सिर्फ यूएन की बैठकों में दंमदारी से भारत का पक्ष रहते हुए दुनिया भर को अपने खेमे में खड़ा कर लिया बल्कि प्रेस कांफ्रेंस में भी मुसकुराते हुए पाकिस्तानी पत्रकारों को लाजबाब कर दिया ।
हुआ यूं कि यूएन की बैठक के बाद चल रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के कई पत्रकारों ने अकबरुद्दीन से बार-बार कश्मीर और मानवाधिकार के सवालो की झड़ी लगा दी । जैसे ही पाकिस्तान के एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा – नई दिल्ली, इस्लामाबाद से कब बातचीत करेगा , तो अकबरुद्दीन पोडियम से आगे बढ़ कर आत्मविश्वास के साथ भले – ‘चलिए, मुझे इसकी शुरुआत सबसे पहले आपसे रू-ब-रू होकर करने दीजिए। हाथ मिलाने दीजिए।’ उन्होंने एक-एक कर तीनों पाक पत्रकारों से हाथ मिलाया । इस दौरान वहां बैठे दुनिया भर के पत्रकार हंस पड़े ।
उन्होंने कहा कि आप लोगों के मन में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए क्योंकि मैं तीनों पाक पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहा हूं।
अपने आत्मसयम और मीठी बोली के लिए पहचाने जाने वाले अकबरुद्दीन इस पूरे मामले में भारत के नायक बन कर उभरे हैं ।
1985 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन के पिता एस बदरुद्दीन पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर रहे और बाद में कतर में भारत के राजदूत बनाए गए थे। अकबरुद्दीन की मां डॉक्टर जेबा इंग्लिश की प्रफेसर थीं। शोषल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाले अकबरुद्दीन के ट्विटर पर करीब डेढ़ लाख फलोवर हैं ।
UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने अपनी हाजिरजवाबी, तथ्यों और कूटनीतिक जवाबों से पाकिस्तानी पत्रकारों को लाजबाब कर दिया।
भारतीय प्रतिनिधि ने एक-एक कर सभी के प्रश्नों का सटीक जवाब देकर उन्हें चुप करा दिया। पाक पत्रकारों ने अनुच्छेद 370 पर भी भारतीय राजनयिक को घेरने की कोशिश की पर नाकाम रहे। उन्होंने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने का फैसला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।