न्यूज डेस्क
स्विट्जरलैंड की सरकार ने भारत से साझा करने संबंधी समझौते के तहत काला धन मामले में 11 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी किया है। इन लोगों को कहा गया है कि वे अपने बैंक खातों की जानकारियां 30 दिनों के अंदर दें।
स्विट्जरलैंड के फेडेरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेश द्वारा जारी इन नोटिसों के विश्लेषण से पता चलता है कि वहां की सरकार ने विदेशी ग्राहकों के बैंक खातों की जानकारी उनके देशों से साझा करने के प्रयास तेज किए हैं।
भारत के मामले में इस तरह के प्रयास हाल के समय में ज्यादा देखने को मिले हैं। खबर के मुताबिक मार्च से अब तक स्विस बैंकों से जुड़े भारतीय क्लाइंटों को 25 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 11 नोटिस केवल 21 मई को जारी किए गए।
दो क्लाइंट छोड़ किसी खाताधारक का नाम स्पष्ट नहीं
इन नोटिसों में केवल दो भारतीय क्लाइंटों को छोड़ कर किसी भी खाताधारक का नाम स्पष्ट नहीं है। खबर के मुताबिक खाताधारक कृष्णा भगवान रामचंद और कल्पेश हर्षद किनारीवाला के नाम स्पष्ट रूप से लिखे हैं।
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बाकी खाताधारकों के नाम इस तरह हैं, पीएएस, आरएएस, एपीएस, एडीएस, एमएलए, एनएमए और एमएमए। नोटिस में इन सभी से या उनके प्रतिनिधियों से कहा गया है कि वे भारत से जानकारी साझा करने संबंधी स्विट्जरलैंड की ‘प्रशासनिक सहायता’ के तहत 30 दिनों के भीतर जरूरी सबूत मुहैया कराएं।
अप्रैल माह में भी कई खाताधारकों को जारी किए गए थे नोटिस
इससे पहले सात मई को भारतीय नागरिक रतन सिंह चौधरी को ऐसा ही नोटिस जारी कर दस दिनों में जवाब देने कहा गया था। वहीं, आरपीएन नाम के एक और स्विस खाताधारक को 14 मई को नोटिस दिया गया था।
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इसी तरह अप्रैल में जेएनवी, कुलदीप सिंह ढींगरा और अनिल भारद्वाज समेत अन्य भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी किए गए थे। खबर के मुताबिक इनमें से कइयों के नाम एचएसबीसी बैंक की लीक हुई लिस्ट और पनामा पेपर्स से जुड़े हैं। भारत की जांच एजेंसियां कालाधन रखने के आरोप के तहत इनकी जांच कर रही हैं।