जुबिली न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ‘दैवीय घटना’ वाले बयान को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पूछा है कि पांच साल में आठ से तीन प्रतिशत जीडीपी भी क्या ‘ऐक्ट ऑफ गॉड’ है?
शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद कहा कि अर्थव्यवस्था असाधारण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रही है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना ईश्वर की करतूत है और इससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
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उनके इस बयान पर स्वामी ने भी तंज कसा है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है- “मुझे यकीन है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने एक बैठक में कहा कि covid-19 ईश्वर की देन है! मैं जल्द ही वीडियो पोस्ट करूंगा। क्या जीडीपी में वार्षिक वृद्धि दर में वित्त वर्ष 2015 में 8% से (1 Qtr 2020) 3.1% गिरावट (पूर्व C0VID थी) भी भगवान का एक कार्य है?।”
I am reliably informed that FM N. Sitharaman told a meeting that COVID-19 is an act God!! I will post the video soon. Was the decline in annual growth rate in GDP from 8 % in FY 15 to (1st Qtr 2020) 3.1 % pre-C0VID, also an act of God ?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 28, 2020
हालांकि, स्वामी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की, जबकि कुछ ने सपोर्ट किया। @pramodgoelji ने लिखा- क्या आपने सोनिया सेना ज्वॉइन कर ली है? हम आज कल आपके ट्वीट्स देखकर हैरान रह जाते हैं, जो कि बीजेपी सरकार और उसके मंत्रियों के हर ऐक्शन के विरोध में होते हैं। आपको अंदाज में देखकर अच्छा नहीं लग रहा है।
@mohanhatehypo के हैंडल से कहा गया, “सर, समझ सकते हैं।आपको कैबिनेट में जगह नहीं मिली आपको। उसका गुस्सा है आपको।” यह रहा बीजेपी का वह ट्वीट, जो उन्होंने FM के बयान पर किया।
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स्वामी के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने भी वित्त मंत्री समेत केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट करते हुए लिखा है- ‘अगर आवश्यक हो तो केन्द्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों के बकाए का भुगतान करे। राज्य सरकारें कर्ज क्यों लें? क्या इसे सहकारी संघवाद कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद राज्यों को लूटा जा रहा है। दैवीय कारण बताकर?”
उन्होंने कई ट्वीट में कहा, “उद्योगपतियों से मिलीभगत, अक्षमता और असंवेदनशीलता की वजह से महामारी से काफी पहले ही लोगों की आजीविकाएं और जिंदगियां बर्बाद हो गई थीं। अब भगवान को कोसा जा रहा है।”
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी राजा ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राज्य सरकारों का एक वैध अधिकार है जैसा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी अधिनियम को लागू करते समय वादा किया था।
राजा ने कहा, ”वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कहना कि महामारी ‘दैवीय घटना’ है और इसलिए, मुआवजे का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार उत्तरदायी नहीं है, यह गलत और अनैतिक है।”
राजा बोले, ”ऐसे समय में जब राज्य सरकारों पर पहले से ही अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण बोझ हैं और महामारी से निपटने की जिम्मेदारियों के कारण अतिरिक्त खर्च के बीच राज्य सरकारों को बाजार से उधार लेने के लिए कहना राज्य के वित्त पर अतिरिक्त वित्तीय देनदारियों को बढ़ा रहा है।”