जुबिली न्यूज डेस्क
अखिलेश यादव पर पीडीए की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सपा महासचिव पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने एमलएसी पद से भी त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने विधान परिषद के सभापति को अपना इस्तीफा सौंपा है। सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बीते दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे थे।
उनकी अपनी पार्टी ने इन बयानों को निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ लिया था। मौर्य इससे काफी आहत थे और अखिलेश यादव को लिखी चिट्ठी में उन्होंने इसका जिक्र भी किया था। महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी नई पार्टी बनाने का भी ऐलान किया है। वह सपा के कई विधायकों को भी तोड़ सकते हैं।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव ने सपा के कोटे से विधानपरिषद में भेजा था। मंगलवार को मौर्य ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। विधान परिषद के सभापति को लिखे अपने इस्तीफे में मौर्य ने लिखा, ‘मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा यूपी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ हूं। मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद उत्तर प्रदेश की सदस्यता से भी त्यादगपत्र दे रहा हूं। कृपया स्वीकार करने की कृपा करें।
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नई पार्टी का ऐलान
सपा से अलग होने के बाद सबकी नजर इस पर थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य का अगला कदम क्या होगा? इसके जवाब में मौर्य ने अपनी नई पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया है। इसका नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा गया है। नीले, लाल और हरे रंग को मिलाकर इसका झंडा भी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मौर्य बड़ी रैली कर सकते है, जहां वह अपनी नई पार्टी के अस्तित्व में आने का ऐलान करेंगे। खबर यह भी है कि उनकी नई पार्टी की वजह से सपा में भी फूट पड़ सकती है और अखिलेश की पार्टी के कई नेता उनके साथ आ सकते हैं।