जुबिली न्यूज डेस्क
मैनपुरी. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नवरात्रि दुर्गा सप्तमी ‘भगवान राम’ के जन्मदिन पर रामनवमी पर अखंड रामायण पाठ और दुर्गा सप्तशती कराए जाने को लेकर निर्देश दिए हैं. जिस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार पर निशाना साधा है.
‘रामचरितमानस’ का पाठ करना बंद कर दिया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अब पूरे देश में लोगों ने अपने आप ‘रामचरितमानस’ का पाठ करना बंद कर दिया है, इसलिए सरकार अपने खर्चे से रामचरितमानस का पाठ कराने के लिए मजबूर हो रही है. जो रामचरितमानस का पाठ पढ़ाने की बात कर रहे हैं; वो इस देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं.
एक धर्म विशेष को बढ़ावा देना संविधान का उल्लंघन
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसी भी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार को एक धर्म विशेष को बढ़ावा देना संविधान के निर्देशों का उल्लंघन है. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. एक ही धर्म को बढ़ावा क्यों?सरकार सबकी है. अगर सरकार को बढ़ावा देना ही है तो सभी धर्मों को समान रूप से बढ़ावा देने के लिए अपने सरकारी कोष से धन देने का काम करें.
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उसका हम स्वागत करेंगे, लेकिन आज जो पूरी दुनिया में विवादित महाकाव्य तुलसीदास की रामचरितमानस जिसमें इस ”देश की महिलाओं को प्रताड़ित करने, शुद्र समाज को अपमानित और तमाम जातियों को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच और अधर्म कहने का काम करती है”.
यह सरकार महिलाओं का अपमान करती है
उसका पाठ कराने का मतलब है, यह सरकार देश की महिलाओं, आदिवासियों दलितों और पिछड़ों को अपमानित करने की पक्षधर है. यह सरकार इनके सम्मान की दुश्मन है, इसलिए इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सरकारी खजाना खोल दिया है.
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