SC ने रामपुर सत्र न्यायालय को आदेश दिया है कि वह पहले आजम खान की अपील पर विचार करे…इसके साथ ही चुनाव आयोग इसके बाद रामपुर विधान सभा सीट के चुनाव कार्यक्रम का नोटिफिकेशन जारी करे….
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। सपा नेता आजम खान मुश्किलें बढऩे वाली है क्योंकि हेट स्पीच मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने गुरुवार (27 अक्टूबर, 2022) को दोषी करार दिया था।
सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को बड़ा झटका लगा था । हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था है।
अदालत ने सजा देने के साथ ही आजम को जमानत भी दे दी थी । सजा के ऐलान के बाद रामपुर से सपा विधायक आजम खान को एक और बड़ा झटका लगा है।
UP | SP leader Azam Khan appeals to Rampur District Judge's court against the verdict of lower court in provocative speech case. The court, while hearing has ordered Azam Khan to be released on interim bail till November 15. Hearing will be done in the MP MLA Court on November 15 pic.twitter.com/SQjvzIBdBG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 9, 2022
आजम खान की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया थी लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर रामपुर सेशन कोर्ट गुरुवार को सुनवाई और फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 15 नवंबर को तय इस सुनवाई को 10 नवंबर को करने और उसी दिन फैसला सुनाने को कहा गया है।
फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को रामपुर में उपचुनाव के लिए जारी होने वाली अधिसूचना को एक दिन के लिए रोक दिया है। रामपुर सेशन कोर्ट 10 नवंबर को जो फैसला देगा उसके आलोक में चुनाव आयोग 11 नवंबर या उसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर सकता है।
चुनाव आयोग ने ये साफ कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व के आदेश के अनुसार सजा होते ही अयोग्यता का मामला बनता है। कोर्ट ने यह पूछा कि अगर सेशन कोर्ट आजम खान की सजा पर रोक लगा देता है तो क्या अयोग्यता का मामला खत्म हो जाएगा क्योंकि उस एक्शन का आधार सजा है।
बता दें कि आजम खान ने कथित तौर पर चुनावी भाषण के दौरान भडक़ाऊ बयानबाजी की थी। मामला साल 2019 में लोकसभा चुनाव का बताया जा रहा है।
शिकायतकर्ता आकाशदास सक्सेना की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह कार्रवाई की है। आकाश सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग को भी सदस्यता रद्द करने की शिकायत भेजी थी।