न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में बीते दिनों उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। मंत्रिमंडल में किसी के बेटे को जगह मिली तो किसी के भतीजे को। फिलहाल जिसे जगह मिली वह खुश है और जिन्हें नहीं मिली है वह नाराज है।
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत भी नाराज है। चर्चा है कि उनके भाई सुनील रावत को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, जिसकी वजह से खासे नाराज है। इस बीच उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा जिसकी वजह से ऐसी खबरों को बल मिल रहा है।
संजय राउत ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘हमेशा ऐसे व्यक्ति को संभाल कर रखिए, जिसने आप को तीन भेंट दी हों- साथ, समय और समर्पण…’
शिवसेना प्रवक्ता के इस पोस्ट को शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ इशारा के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अब संजय राउत की एफबी वॉल पर यह पोस्ट नहीं दिख रहा है।
संजय राउत ने यह पोस्ट क्यों डिलीट किया यह तो वही जाने, लेकिन राजनीतिक विष्लेषकों का कहना है कि कयासों को देखते हुए उन्होंने ऐसा किया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने में भले ही एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की भूमिका अहम थी, लेकिन संजय राउत विधानसभा चुनाव परिणाम आने के दिन से उद्धव के मुख्यमंत्री बनने तक उनका पक्ष लोगों के सामने रखते रहे। राउत सरकार गठन को लेकर बीजेपी हो या एनसीपी सभी से बातचीत में आगे-आगे रहे।
उद्धव से नजदीकी और सरकार गठन में अहम भूमिका को देखते हुए माना जा रहा था कि संजय के छोटे भाई सुनील को मंत्रिमंडल में जरूर जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
30 दिंसबर को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना ने तीन निर्दलियों को मौका दिया। इसके बाद राउत के नाराज होने की खबर सामने आई। इतना ही नहीं सुनील राउत के भी विधायकी से इस्तीफे की खबर चर्चा में रही, लेकिन संजय राउत सामने आए और उन्होंने कहा, ‘हम लोग देने वाले हैं, मांगने वाले नहीं। पार्टी के लिए काम करते हैं, पद के लिए नहीं। सुनील राउत पक्का शिवसैनिक है। महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनी इसका हमें गर्व है।’
संजय के इस बयान के बाद से अनुमान लगाया जा रहा था कि उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है लेकिन उनके नए फेसबुक पोस्ट ने संस्पेंस बढ़ा दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि उनके भाई को मंत्री न बनाए जाने से वह नाराज हैं। हालांकि राउत का वह पोस्ट अब एफबी वाल पर नहीं दिख रहा है लेकिन पोस्ट हटाने पर सवाल उठना लाजिमी है।
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