न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबियों में सुषमा स्वराज का भी नाम आता है। कहा जाता है कि 2013 में जब मोदी को पीएम कैंडिडेट बनाए जाने का ऐलान हुआ था तो विरोध करने वाले लालकृष्ण आडवाणी को सुषमा ने भी समर्थन दिया था। आज जब सुषमा नहीं है तो वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उनके जाने से व्यथित है। उनकी कमी को वह शिद्दत से महसूस कर रहे हैं।
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सुषमा स्वराज के लिए दिल छू लेना वाला संदेश भेजा है। उन्होंने कहा, ‘सुषमा जी एक अच्छी इंसान भी थीं। उन्होंने अपनी गर्मजोशी और दयालु स्वभाव से सभी का दिल छुआ। मुझे एक भी ऐसा साल याद नहीं है जब वह मेरे जन्मदिन पर पसंदीदा चॉकलेट केक लाने से चूकी हों। राष्ट्र ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया है। मेरे लिए, यह एक अपूरणीय क्षति है और मुझे सुषमाजी की उपस्थिति बहुत याद आएगी।
आडवाणी ने अपने शोक संदेश में लिखा है, ‘मैं अपने एक सबसे करीबी सहयोगी सुषमा स्वराज जी के असामयिक निधन पर बहुत व्यथित हूं। सुषमाजी उन कुछ लोगों में से थीं, जिन्हें मैंने भारतीय जनता पार्टी में उनकी शानदार पारी की शुरुआत से जाना और उनके साथ काम किया है। जब मैं अस्सी के दशक में भाजपा का अध्यक्ष था, वह एक होनहार युवा कार्यकर्ता थीं, जिन्हें मैंने अपनी टीम में शामिल किया था और वर्षों में, वह हमारी पार्टी के सबसे लोकप्रिय और प्रमुख नेताओं में से एक बन गईं। वास्तव में, महिला नेताओं के लिए एक रोल मॉडल। एक शानदार वक्ता, मैं अक्सर उनकी घटनाओं, कार्यक्रमों को याद करने और उन्हें अत्यंत स्पष्टता और वाकपटुता के साथ प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता पर चकित था।’
उन्होंने कहा, ‘सुषमा जी एक अच्छी इंसान भी थीं। उन्होंने अपनी गर्मजोशी और दयालु स्वभाव से सभी का दिल छुआ। मुझे एक भी ऐसा साल याद नहीं है जब वह मेरे जन्मदिन पर पसंदीदा चॉकलेट केक लाने से चूकी हों। राष्ट्र ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया है। मेरे लिए, यह एक अपूरणीय क्षति है और मुझे सुषमाजी की उपस्थिति बहुत याद आएगी। उनकी आत्मा को शांति मिले। मैं स्वराज जी, बांसुरी और उनके परिवार के सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।’
गौरतलब है कि पूर्व विदेश मंत्री और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार की रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया। मंगलवार रात को अचानक तबियत खराब होने की वजह से उन्हें एम्स ले जाया गया।
67 वर्षीय सुषमा को मंगलवार रात 9 बजे बेचैनी महसूस हुई, आनन-फानन में उन्हें एम्बुलेंस से लगभग 9:30 बजे अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों की एक टीम ने उन्हें 70 से 80 मिनट तक फिर से जीवित करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। स्वराज को रात 10: 50 बजे मृत घोषित कर दिया गया।