न्यूज डेस्क
देश के आर्थिक विकास की गति धीमी हो चुकी है। ऑटो, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट और कताई जैसे सेक्टर मंदी की मार झेल रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है। जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच जाना इस बात का संकेत है कि हम एक लंबी मंदी के भंवर में फंस चुके हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है।
हालांकि, बीजेपी के नेता इस मामले पर अजीबोगरीब बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आर्थिक मंदी पर अजीब बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सावन-भादो में हर साल मंदी रहती है।
बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से कर्ज देने की क्षमता (लेंडिंग कैपिसिटी) बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार…’
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार…….
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार……. pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आगे लिखा कि इस बार मंदी का शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं। इसके साथ ही सुशील मोदी ने दावा किया कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है, इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है।
बता दें कि आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई सुधारों की घोषणा की है। उन्होंने हाल ही में बैंकों के विलय की घोषणा की थी। इसके साथ ही सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये मिले हैं, जिनका इस्तेमाल देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में किया जाएगा।