न्यूज डेस्क
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है, देश के कुछ शहरों में सूर्य ग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ यानी एक आग की अंगूठी की तरह नजर आने वाला है। ये सूर्य ग्रहण पौष अमावस्या पर गुरुवार की सुबह 8.17 बजे लग रहा है। खास बात ये है कि ये सूर्य ग्रहण 296 साल बाद लग रहा है।
कुल साढ़े 3 घंटे तक लगनेवाले इस ग्रहण की शुरुआत भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर होगी, जबकि बिहार में 8 बजकर 17 मिनट पर इसका आंशिक असर देखने को मिलेगा। इस सूर्यग्रहण का भारत समेत नेपाल, चीन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों पर असर दिखाई देगा।
यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं है। इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाएगी। इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहेगा। साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्य ग्रहण लगा था।
Solar eclipse witnessed in Dubai. #SolarEclipse pic.twitter.com/8x99OqAr5w
— ANI (@ANI) December 26, 2019
‘रिंग ऑफ फायर’
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को समझना जरूरी है। साल के अंत में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया गया है। इसे लेकर कई लोगों में डर है। हालांकि वैज्ञानिक के नजरिए से यह एक खगोलीय घटना से ज्यादा कुछ नहीं है।
धार्मिक नजरिए से देखें तो इसमें कई सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। जैसे- ग्रहण काल की अवधि में भोजन नहीं करना चाहिए. इस अवधि में भोजन करने या बनाने के लिए भी मना किया जाता है। इसमें शारीरिक संबंध न बनाने की भी सलाह दी जाती है।
नासा ने जारी की चेतावनी
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं या किसी बीमारी से जूझ रहे रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा जाता है। जबकि वैज्ञानिक इस तरह की बातों को महज अफवाह मानते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य ग्रहण में जो काम एक सामान्य व्यक्ति कर सकता है, वे सभी काम करने से गर्भवती महिलाओं या रोगियों को रोकना अंधविश्वास है।
बहरहाल, नासा ने सूर्य ग्रहण लगने से पहले एक चेतावनी जारी की है कि इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें। इसे देखने के लिए सनग्लास का इस्तेमाल करना सही होगा. इसके अलावा इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है।
सूर्य ग्रहण के वक्त क्या करें और क्या करने से बचें
1. ग्रहण काल में खाना-पिना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए।
2. हालांकि, आप इस दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं।
3. सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं।
4. ग्रहण खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान कर के शुद्धिकरण कर लेना चाहिए।
5. सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लेने चाहिए।
6. यदि आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें।
7. मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
(1) जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है।
(2) चंद्रमा की वजह से जब सूर्य छिपने लगता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
(3) जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं।
(4) जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं।
(5) पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।