न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में 2017 के विधान चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक नारा दिया था-काम बोलता है। यूपी की जनता को अखिलेश का काम नहीं दिखा लेकिन दिल्ली की जनता को मुख्यमंत्री केजरीवाल का काम दिख रहा है। केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में कराए गए काम सिर्फ दिल्ली की जनता को ही बाकी लोगों को भी दिखाई दे रहा है। शायद इसीलिए दिल्ली के चुनावी रण में केजरीवाल को कोई टक्कर देने वाला नहीं है।
जी हां, दिल्ली में चुनावी बिगुल बज चुका है। मतदान की तिथि का ऐलान होते ही दावों और वादों की बौछार होने लगी है। फिलहाल इस बीच इस बीच एक सर्वे आया है जिसमें कहा जा रहा कि दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।
आईएएनएस-सीवोटर के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार केजरीवाल की दोबारा सत्ता में शानदार वापसी होने वाली है। यह सर्वेक्षण जनवरी के पहले हफ्ते में किया गया और सोमवार को जारी हुआ। इसके अनुसार यदि चुनाव जनवरी के पहले हफ्ते में हो तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप 2015 में मिली जीत को दोहरा सकती है।
सर्वेक्षण का सैंपल साइज 13,076 था। दिल्ली विधानसभा से संबंधित यह पहला सर्वेक्षण है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि 2015 के दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें मिली थी।
फिलहाल सीवोटर सर्वेक्षण के अनुसार, यदि दिल्ली में इस हफ्ते चुनाव होता तो आप को 53.3 फीसदी वोट मिलते और बीजेपी को 25.9 फीसदी वोट। सर्वेक्षण के मुताबिक आप को 59 सीटें और बीजेपी आठ सीटें मिल सकती थी। वहीं कांग्रेस 4.9 फीसदी वोट के साथ चार सीटें जीत पाती अगर चुनाव जनवरी के पहले हफ्ते में होते।
सर्वेक्षण में जनता से पूछा गया था, ‘विधानसभा चुनाव अगर आज होते हैं तो आप किसे वोट देंगे?’ इस दौरान आप को 54 से लेकर 64 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया। बीजेपी को तीन से 13 और कांग्रेस को शून्य से छह सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
पिछले दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप को 67 सीटें मिली थी और पांच विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके पास 62 विधायक हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने तीन सीटें जीती थी और बाद में उसने उपचुनाव में एक सीट जीता था, इस तरह विधानसभा में उसके चार विधायक हैं।
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फिलहाल चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आप का काम बेहतर है। मैं बीजेपी-कांग्रेस से भी वोट मांगूगा। वहीं बीजेपी ने आप पर जनता को बरगलाने का आरोप लगाया है। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ दिन बाकी रह गए हैं। ऐसे में यह तय है कि फोकस अब इन दो दलों पर ही रहेगी।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा की सभी सीटों के लिये मतदान 8 फरवरी को और मतगणना 11 फरवरी को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने बताया, ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिये नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि नामांकन पत्र की जांच 22 जनवरी को होगी। ‘
उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की है जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हैं।
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