न्यूज डेस्क
अब एक शब्द भी मत कहना। एक और शब्द कहा तो मैं न केवल आपके खिलाफ अवमानना जारी करूंगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करूंगा कि आपको दोषी ठहराया जाए।
यह बातें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरूण मिश्रा ने कही। जस्टिस मिश्रा की भूमि अधिग्रहण मामलों की एक संविधान पीठ की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण से तीखी बहस हो गई। वकील द्वारा तेज आवाज में बात करने पर न्यायाधीश अरूण मिश्रा नाराज हो गए और उन्होंने वकील वकील गोपाल शंकर नारायण को डांट लगाते हुए कंटेम्प्ट लगाने की चेतावनी भी दी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा काफी नाराज हो गए। उन्होंने एक से अधिक बार यह कहा कि वरिष्ठ वकील अपने तर्क को दोहरा रहे हैं जबकि पहले से मौजूद उत्तरदाता के अधिवक्ताओं द्वारा ये पेश किए जा चुके हैं।
जस्टिस मिश्रा ने बताया कि शंकरनारायणन द्वारा उन्नत की जा रही अधिकांश प्रस्तुतियां पहले से ही वरिष्ठ वकील श्याम दीवान और अन्य द्वारा पेश की जा चुकी हैं। इस पर शंकरनारायणन ने कहा कि वे इस तरह बहस करने के आदी नहीं हैं।
वकील शंकरनारायणन ने पीठ से पूछा कि क्या वह धारा 24 में प्रस्तुतियां प्रस्तुत करने के बाद अपनी बात पेश कर सकते हैं। इस पर जस्टिस मिश्रा नाराज हो गए और उन्होंने कहा, “क्या आप मुकर रहे हैं? क्या आप हमें मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं? ऐसा करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?”
जस्टिस मिश्रा की नाराजगी देखते हुुए वरिष्ठ वकील ने अपनी फाइलें बंद की और कोर्ट रूम से बाहर चले गए।
मालूम हो कि शंकरनारायणन उन वकीलों में से एक थे, जिन्होंने अक्टूबर में न्यायमूर्ति मिश्रा के इस केस की सुनवाई से हटने की मांग की थी। जस्टिस मिश्रा ने इंदौर विकास प्राधिकरण का फैसला दिया था, जो इस 5 जजों की पीठ के समक्ष पुनर्विचार के तहत है।
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