जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए डाले गए वोटों के साथ सभी वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की सभीपर्चियों के मिलान की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुना सकता है. वीवीपीएटी एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जिसमें वोटर यह देख सकते हैं कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ उस याचिका पर निर्देश सुनाने वाली है जिसमें शीर्ष अदालत ने 18 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था. चुनावी प्रणाली में मतदाताओं की संतुष्टि और विश्वास के महत्व को सर्वोपरि मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से कहा था कि हर बात पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए.
की गई है ये मांग
चुनाव प्रणाली में मतदाताओं की संतुष्टि और विश्वास के महत्व को रेखांकित करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू के बारे में आलोचनात्मक होने की जरूरत नहीं है. याचिकाकर्ताओं में से एक, एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने वीवीपैट मशीनों पर पारदर्शी ग्लास को अपारदर्शी ग्लास से बदलने के चुनाव पैनल के 2017 के फैसले को उलटने की मांग की, जिसके माध्यम से एक मतदाता केवल तभी तक (सात सेंकेड) पर्ची देख सकता है जब रोशनी चालू है.