न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि कल सदन में बहुमत परीक्षण कराया जाए। शाम पांच बजे तक पूरी प्रक्रिया खत्म करने का आदेश दिया गया है।
अदालत ने कहा कि अगर बागी विधायक विधानसभा आना चाहें तो कर्नाटक और मध्यप्रदेश के डीजीपी को उन्हें सुरक्षा देनी होगी। अदालत ने कहा कि बहुमत परीक्षण की वीडियोग्राफी भी कराई जाए।
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भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। सत्यमेव जयते। कल सत्य की जीत होगी। अल्पमत की सरकार गिरेगी। ये न सिर्फ अल्पमत की सरकार है बल्कि जनता को धोखा देने वाली सरकार है।
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सीएम कमलनाथ ने लोगों को धोखा दिया है। आज अन्याय की पराजय हुई है। वहीं, नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। बहुमत परीक्षण में सबकुछ साबित हो जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व इसके हर पहलू का हम अध्ययन करेंगे , हमारे विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे , सलाह लेंगे , फिर उसके आधार पर निर्णय लेंगे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 19, 2020
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वही, सीएम कमलनाथ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हर पहलू का अध्ययन करेंगे। इस पर कानूनी सलाह लेंगे और उसी आधार पर अगला कदम उठाएंगे। उधर, अदालत के फैसले के बाद भोपाल में सियासी हलचल तेज हो गई। मंत्री जीतू पटवारी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके आवास पहुंचे।
आपको बता दे कि उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट के हल के लिए शुक्रवार को ही विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने दो दिन तक चली मैराथन सुनवाई के बाद गुरुवार को यह आदेश जारी किया।
न्यायालय ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने का भी निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि 16 बागी विधायक अगर आना चाहते है तो कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक और मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
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