Tuesday - 29 October 2024 - 5:24 PM

सुप्रीम कोर्ट ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ को ठहराया वैध

जुबिली न्यूज डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के लिए लागू ‘वन रैंक वन पेंशन’  की मौजूदा नीति को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस नीति में कोई संवैधानिक कमी नहीं है।

अदालत ने यह भी कहा कि नीति में पांच साल में पेंशन की समीक्षा का प्रावधान है। इसलिए सरकार एक जुलाई 2019 की तारीख से पेंशन की समीक्षा करे। अदालत ने सरकार को तीन महीने में बकाया राशि का भुगतान करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा, ”सरकार का ‘वन रैंक-वन पेंशन’  (ओआरओपी) का फैसला मनमाना नहीं है और किसी संवैधानिक अशक्तता से ग्रस्त नहीं है।

यह भी पढ़ें :  असम के सीएम ने कहा-मुसलमानों की ही जिम्मेदारी है असम में सांप्रदायिक…  

यह भी पढ़ें : भगत सिंह के गांव में आज सीएम पद की शपथ लेंगे भगवंत मान

यह भी पढ़ें :  नंबर प्लेट पर ‘बोल देना पाल साहब आए थे’ लिखवाना पड़ा भारी

अदालत ने कहा कि ‘वन रैंक-वन पेंशन’  सरकार का नीतिगत निर्णय है और नीतिगत मामलों के निर्णय में अदालत हस्तक्षेप नहीं करता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसने OROP के सिद्धांत में कोई संवैधानिक दोष नहीं पाया है और न ही उसे 7 नवंबर 2015 की अधिसूचना में कोई खामी मिली है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो फिर से इसे निर्धारित करने की एक्सरसाइज पूरी करे।

पूर्व सैनिकों की संस्था ने क्या मांग की थी?

दरअसल पूर्व सैनिकों की एक संस्था ने शीर्ष अदालत में कहा था कि इस नीति से वन रैंक वन पेंशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। इसकी हर साल समीक्षा होनी चाहिए, लेकिन इसमें पांच साल में समीक्षा का प्रावधान है। अलग-अलग समय पर रिटायर हुए लोगों को अब भी अलग पेंशन मिल रही है।

यह भी पढ़ें :  ई मिसिंग लिंक हौ डारविन का

यह भी पढ़ें :  नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

यह भी पढ़ें :  नफरत अंततः नफरत ही उपजाती है

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com