न्यूज डेस्क
उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई करते हुए एक बार फिर बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये आदेश सुरक्षा कारणों की वजह से दिया है।
साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि पीड़िता का इलाज लखनऊ में ही किया जाएगा, उसे दिल्ली शिफ्ट नहीं किया जाएगा। रेप पीड़िता के वकीलों की तरफ से अदालत को जानकारी दी गई है कि पीड़िता का परिवार लखनऊ में ही इलाज कराना चाहता है, ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट किया जाए।
बता दें कि गुरुवार को अदालत ने कहा था कि अगर पीड़िता का परिवार चाहे तो उनका इलाज दिल्ली में किया जा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को पीड़िता की तबीयत की जानकारी भी दी गई है, अदालत को बताया गया है कि पीड़िता अभी लखनऊ के अस्पताल में भर्ती है, वह ICU में ही है लेकिन क्रिटिकल नहीं है।
अदालत की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दलील दी गई थी कि पीड़िता का चाचा रायबरेली जेल में सुरक्षित है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को नहीं सुना और चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने आदेश दे दिया है, जिसके बाद यूपी सरकार ने कहा है कि उन्हें ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं है।
अदालत ने पीड़िता के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच को सौंप दिया है, जो पूरे केस पर नजर बनाए रखेगी। इतना ही नहीं पीड़िता के इलाज पर भी लगातार रिपोर्ट लेती रहेगी। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने इसके साथ ही मीडिया को आदेश दिया है कि वह उन्नाव रेप पीड़िता की पहचान को सामने ना लाएं।
वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के वकील के घर के बाहर CRPF तैनात कर दी गई है। इसके अलावा जो वकील पीड़िता के चाचा का केस लड़ रहा है, उसे भी सुरक्षा दी गई है। वकील के साथ अब उन्नाव पुलिस का एक सिपाही रहेगा।