जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में दंगे के आरोपियों के अतिक्रमण को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण को गिराने की कार्रवाई को रोक देना चाहिए।
नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, कपिल सिब्बल, पीवी सुरेंद्रनाथ और प्रशांत भूषण ने कोर्ट में पक्ष रखा।
Supreme Court orders status-quo on demolition drive conducted by North Delhi Municipal Corporation in Jahangirpuri, Delhi pic.twitter.com/wr4p2R9Fto
— ANI (@ANI) April 20, 2022
दुष्यंत दवे ने निगम की कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा कि अतिक्रमण को ढहाने के लिए बुलडोजर भेजने से पहले लोगों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई पूरी तरह से अवैध है और किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया गया। इस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि दूसरे मामले के साथ ही कल इस पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट की ओर से कल सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी किया जाएगा।
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मालूम हो कि जहांगीरपुरी में बुधवार को सुबह ही 9 बुलडोजर पहुंच गए थे और दंगे के आरोपियों के अतिक्रमण को गिराने की तैयारी थी। इस कार्रवाई से पहले बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, लेकिन अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बुलडोजर वापस लौट रहे हैं।
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We will follow the SC order & take action accordingly, says Raja Iqbal Singh the Mayor of North Delhi Municipal Corporation after the Supreme Court ordered a status-quo on the demolition drive being conducted by the civic body in violence-hit Jahangirpuri, Delhi pic.twitter.com/gU8XqgcVvE
— ANI (@ANI) April 20, 2022
इस सबके बीच असदुद्दीन ओवैसी ने बुलडोजर वाली कार्रवाई पर टिप्पणी की है। सांसद ओवैसी ने कहा कि देश में मुस्लिमों की आबादी 20 करोड़ से अधिक है और यदि इस बड़ी आबादी का एक छोटा हिस्सा भी कट्टरपंथ की ओर से जाता है और जवाब में हिंसा करता है तो क्या भारत सरकार सुरक्षा की चुनौती को संभाल पाएगी?
इससे पहले ओवैसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि वह इस अहम मसले पर चुप हैं। क्या इस कायरता के लिए उन्हें दिल्ली की जनता ने वोट दिया था।