न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के पांच चरण के मतदान हो चुके हैं, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर अहम सुनवाई हुई। विपक्ष के द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कांग्रेस और टीडीपी समेत 21 दलों ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को दायर किया था।याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने। CJI ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं।
इन सभी दलों की मांग है कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और VVPAT की 5 पर्चियों के मिलान का आदेश दिया था। लेकिन, विपक्षी दल इससे संतुष्ट नहीं थे, जिसके बाद विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था। चुनाव आयोग ने कोर्ट का आदेश माना भी था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा। अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है।
क्या है विपक्ष का आरोप
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दुनिया के 191 देशों में से मात्र 18 देशों ने ईवीएम को अपनाया है, जिनमें से 3 देश 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और उनमें गड़बड़ी भी पैदा होती है। इसके अलावा इनकी प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है।
चंद्रबाबू ने यह जानने की मांग की कि नए वीवीपैट में वोटर स्लिप मात्र 3 सेकेंड में कैसे दिखाई देता है, जबकि इसे 7 सेकेंड में दिखाई देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ईवीएम से छेड़छाड़ कर वोट हासिल कर सकती है।
4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है
आपको बता दें कि चुनाव आयोग अभी तक 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता रहा है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद बढ़कर 20625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा। वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है। एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीएम के वीवीपीएटी पेपर्स से मिलान कराया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी। हालांकि, कांग्रेस समेत देश के 21 विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपीएटी पेपर स्लिप के मिलान की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई है।
याचिका में नेताओं ने अदालत से आग्रह किया है कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए।